In My Sky at Twilight by Pablo Neruda
ढलती शामों की घडी का मेरा फैला आकाश
अनुवाद: खुर्शीद अनवर
उसपे छाई हो ऐसे कोई बादल जैसे
तुम मेरी ज़ात हो, मेरी हो ऐ नाज़ुक लब जाँ
और तेरी ज़ात में शामिल मेरे खवाबों के जहां
रौशनी रूह की मेरे, तेरे क़दमों में ढले
यूँ उतर जायें कि रंगत तेरे पांव सजे
मय की तल्खी बने शीरीं तेरे लब जो छू ले
ऐ मेरे शाम के गीतों को सजाने वाली
तनहा ख्वाबों को यकीं है कि तू मेरी ही है
मैं हवाओं के सुरों में तुझे पा जाता हूँ
तू मेरी है मैं हवाओं से भी कहलाता हूँ
मेरे आँखों में उतर कर करे तू हश्र बपा
शब् की खुशबू यूँ उड़े जैसे मचलता झरना
मेरे संगीत के दामन में सजी है तू जाँ
और यह दामन है कि फैला हुआ अम्बर जैसा
तेरी नम आँखों के सागर का किनारा मेरी रूह
इन्ही नम आँखों से धरती मेरे ख्वाबों की शुरू