Readings - Hindi

तरजुमा

"Tonight I Can Write The Saddest Lines" by Pablo Neruda
(In his poem "Tonight I can write the saddest lines", Pablo Neruda, talks about his lost love.)

आज की रात तराशुंगा दर्द के नगमे

अनुवाद : खुर्शीद अनवर

आज की रात तराशुंगा दर्द के नगमे
... आसमां तारों की चादर में समाया सा है
और तारों में दमक भी है थरथराहट भी
गीत के सुर भी हवाओं में घुले जाते हैं
हाँ मुझे इश्क था उसको भी रहा हो शायद
ऐसी ही रात थी और ऐसा ही फैला आकाश
मेरी आगोश में सिमटी हुई बल खाई हुई
मेरे बोसों के समंदर में वह नहलाई हुई
आसमां दूर तलक अपना निगहबान सा था
उसने भी इश्क किया मेरा भी कुछ कम तो ना था
कैसे उन झील सी आँखों से ना उल्फत करता
आज की रात तराशुंगा दर्द के नगमे
कैसे मैं मान लूँ वह साथ नहीं है मेरे
कैसे एहसास करूँ उस से जुदा हो जाना
शब् की फैली हुई ख़ामोशी की आवाजों की
गूँज कुछ और भी बढ़ती है कि अब वह जो नहीं
नगमे यूँ रूह को सैराब किये जाते हैं
जैसे शबनम के नरम कतरे गिरें मैदां में
क्या हुआ जो मेरी उल्फत उसे रख पाई नहीं अपने पास
आज फिर तारों की बरसात है पर वह ही नहीं
दूर से, नगमे की आवाज़ लरज़ती है कहीं
यह कहानी है मेरी मैं भी क्या बेचैन नहीं
नज़रें बेचैन है बस एक नज़ारे के लिए
उसको एक बार यहीं पास बुलाने के के लिए
दिल तडपता है उसे दिल में बसाने के लिए
गो की मालूम है वह अब नहीं आने के लिए
है वही रात दरख्तों पे वही चांदनी है
पर ना हम वह हैं ना उन रातों की परछाईं है
तय तो है अब कोई चाहत कोई उल्फत ना रही
फिर भी उस हुस्न से हद दर्जा मोहब्बत तो रही
मेरी आवाज़ के तारों में तमन्नाओं का सुर आज भी है
दोश पर नरम हवाओं पे करे यह परवाज़
मेरी आवाज़ बने आज फिर तेरी आवाज़
मेरे बोसे थे कभी उसकी पुर असरार आवाज़
किसी शहनाई की मानिंद वह गाती आवाज़
वह निगाहें जो कभी मेरा वजूद भरती थी
अब किसी और की जलवों में समा जायेंगी
उस से अब प्यार नहीं पर शायद
कोई चिंगारी अभी दिल में दबी हो शायद
इश्क लम्हों में गुज़रता है मगर याद का बोझ
भारी पत्थर है जो सीने से उतरता ही नहीं
इस जवां रात के जैसी ही थी वह भी रातें
मेरी आगोश थी और उसका लरज़ता सा जिस्म
वह मेरे साथ नहीं रूह को मंज़ूर नहीं
हाँ मगर आखरी यह दर्द है जो उसने दिए
उसकी उल्फत के जवान दर्द की खातिर मैंने
बस यही आख़री अशआर हैं जो मैंने लिखे

QUICK LINK

Contact Us

INSTITUTE for SOCIAL DEMOCRACY
Flat No. 110, Numberdar House,
62-A, Laxmi Market, Munirka,
New Delhi-110067
Phone : 091-11-26177904
Telefax : 091-11-26177904
E-mail : notowar.isd@gmail.com

How to Reach

Indira Gandhi International Airport (Terminal 2 & 3) - 14 Km.
Domestic Airport (Terminal 1) - 7 Km.
New Delhi Railway Station - 15 Km.
Old Delhi Railway Station - 20 Km.
Hazrat Nizamuddin Railway Station - 15 Km.